कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग को सौंपा ज्ञापन
क्या लिखा है ज्ञापन में –
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आपका ध्यान राज्य में गतिमान त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में राज्य की भाजपा सरकार द्वारा की गई आरक्षण में धांधली व चुनावों को प्रभावित करने के लिए की जाने वाली संभावित गड़बड़ियों की ओर आकृष्ट कराते हुए राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग को लेकर ज्ञापन प्रेषित करने आया है।
महोदय प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने राज्य के पंचायत चुनावों के लिए किए गए आरक्षण में जनगणना 2011 को आधार बनाया गया है, जिस पर पिछले पंचायत चुनाव संपन्न किए गए थे। पिछले पंचायत चुनाव में जितने जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत थीं उतनी ही इस चुनाव में भी हैं, किन्तु सरकार ने आरक्षण का रोस्टर शून्य कर नए सिरे से जो आरक्षण लागू किया है वो पूर्णतः गलत है और सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से किया गया है, जिसके कारण राज्य के ग्रामीण मतदाताओं में आक्रोश है और इससे प्रभावित लोगों ने जो आपत्तियां दाखिल की हैं उनका निस्तारण किए बगैर ही सरकार ने अंतिम आरक्षण जारी कर दिया जिस पर अब राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव करवा रहा हैं।
महोदय अधिकांश जनपदों में अभी तक मतदाता सूचियां उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं। अनेक जगहों से शिकायत प्राप्त हुई है कि कई ऐसे मतदाता जिनका नाम नगर निकाय चुनाव की मतदाता सूची में शामिल था उनका नाम अब पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल है, ऐसे मतदाताओं को पंचायत चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और अगर वे पंचायत चुनावों में नामांकन करते हैं तो उनका नामांकन रद्द किया जाए यह स्पष्ट निर्देश पीठासीन अधिकारियों को दिये जाए।
महोदय, हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा पीठासीन अधिकारियों पर अनुचित दबाव बना कर विरोधी प्रत्याशियों के नामांकन रद्द करवाए गए, अतः राज्य निर्वाचन आयोग पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दें कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो और किसी भी अनुचित दबाव में आ कर विरोधियों के नामांकन रद्द नहीं किए जाएं।
मतदान वाले दिन बड़े व संवेदनशील पोलिंग बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए व पोलिंग बूथ तक पहुंचा हर मतदाता मतदान कर पाए इसको सुनिश्चित किया जाए।
महोदय, प्रदेश कांग्रेस कमेटी का यह भी मानना है कि राज्य के सभी 12 जिला पंचायत अध्यक्षों एवं सभी क्षेत्र पंचायत प्रमुखों में आरक्षण भी त्रि-स्तरीय पंचायत नामांकन प्रक्रिया से पूर्व घोषित किया जाय।
अतः आपसे आग्रह है कि उपरोक्त बिन्दुओं पर अपने स्तर से तत्काल कार्रवाई के आदेश जारी करने का कष्ट करें।